" भगवान करें हर जिले के जिला अधिकारी महराजगंज के जिला अधिकारी श्री उज्जवल कुमार जी जैसा हो......
जिलाधिकारी हो तो ऐसा ।"
ये हैं जिला महराजगंज उत्तर प्रदेश के वर्तमान जिलाधिकारी 'उज्ज्वल कुमार' जी ।
प्रेमचन्द के उपन्यास 'सेवासदन' में प्रेमचन्द जी लिखतें हैं कि-
"बड़े अधिकारियों के पास सिर्फ कान होतें हैं आंख नही ।"
इन जिलाधिकारी महोदय ने प्रेमचन्द को कुछ समय के लिए गलत साबित कर दिया है ।आइए इस तस्वीर की पूरी सच्चाई से वाकिफ़ होतें है ।
कोरोना महामारी की वजह से नेपाल से भारत आए कुछ शरणार्थियों को महराजगंज जिले के फरेंदा तहसील में एक स्थान पर क्वारन्टीन सेंटर में रखा गया है ।जहाँ प्रत्येक दिन इन शरणार्थियों को रहने और भोजन का समुचित प्रबन्ध किया गया है ।अचानक से इस क्वारन्टीन सेंटर पर पहुंचे जिलाधिकारी महोदय ने भोजन की गुणवत्ता देखने के लिए स्वतः ही भोजन करने लगे ।भोजन की गुणवत्ता को स्वतः जांच कर इन जिलाधिकारी महोदय ने यह सिद्ध कर दिया की
"हाथ कंगन को आरसी क्या
पढ़े - लिखे को फ़ारसी क्या ?"
आपने जो आदर्श इस ज़िले में स्थापित करने का प्रयास किया है उसी आदर्श के प्रति और भी आलाधिकारी प्रेरित होंगें ।इसी आशा और विश्वास के साथ यह चित्र आपकी सेवा में प्रेषित हैं ।
सादर!
भगवान करें हर जिले के जिला अधिकारी महराजगंज के जिला अधिकारी श्री उज्जवल कुमार जी जैसा हो...... जिलाधिकारी हो तो ऐसा ।"