कोरोना वायरस के बचाव कार्य में ड्यूटी न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई #19 एफ आई आर

देवरिया जिला संवाददाता पुष्कर मणि त्रिपाठी की रिपोर्ट#  28 मार्च| जिलाधिकारी अमित किशोर ने कोरोना वायरस के बचाव कार्यों में लगाए गए कार्मिकों की अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया है,  उन्होंने अनुपस्थित 19 सेक्टर प्रभारियों के विरुद्ध एफ0आइ0आर0 दर्ज कराने के साथ ही उनका वेतन रोके जाने का निर्देश संबंधित विभागाध्यक्ष को दिया है| उन्होंने कहा है कि आपदा बचाव कार्यों जैसे महत्वपूर्ण कार्यों से अनुपस्थिति व लापरवाही अत्यंत गंभीर स्थिति को परिलक्षित करता है, ऐसे किसी भी अधिकारी और कर्मचारियों को कतई बख्शा नहीं जाएगा| उनके विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी|  
       अनुपस्थित सेक्टर प्रभारियों के पूर्ण विवरण में बताया है कि राम लखन प्रसाद जे0ई0 पी0 डब्ल्यू डी, विजेंद्र सिंह ए0पी 0ओ0मनरेगा,  डा0 शिव कुमार ए0ई0 बाढ़ कार्य, जितेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव क्षेत्रिय वन अधिकारी,  खंड शिक्षा अधिकारी बरहज, अशोक कुमार वर्मा वाट माप अधिकारी, दुर्गेश कुशवाहा अवर अभियंता आर 0ई0एस0,  मनीष कुमार अवर अभियंता आर0ई0एस0,खंड शिक्षा अधिकारी सलेमपुर , सुधीर कुमार सिंह प्रवक्ता पॉलिटेकनिक, राम प्रकाश  अवर अभियंता जलनिगम,  रमेश चंद्र श्रीवास्तव ए0ई नलकूप खंड देवरिया,, मनीष कुमार पटेल प्रा0सहा0,  दीपक पाल अधिशासी अधि0 सिचाई खंड, अनूप कुमार श्रीवास्तव अवर अभियंता जल निगम,   शिवकुमार ए0पी0ओ0 मनरेगा बरहज, बंशीधर पांडे सहायक अभियंता पी0डब्ल्यू0डी0, केदार नाथ मिश्र अवर अभियंता  लघु सिंचाई  एवं अवर अभियंता आर0ई0एस0लाल बहादुर शामिल हैं,जिनका वेतन रोकने और उनके विरुद्ध एफ0आइ0आर0 दर्ज कराने का आदेश दिया गया है|
    जिलाधिकारी ने कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाव कार्यों में जिन अधिकारियों/ कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है उन्हें अपने दायित्वों का  पूरी निष्ठा  व सजगता से निर्वहन करने का सख्त चेतावनी दी है|


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मुख्यमंत्री का गृह जनपद गोरखपुर @ बाल विकास पुष्टाहार के अधिकारी (CDPO )ही बदनाम कर रहे विभाग को एवं मुख्यमंत्री की छवि को
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*उमरिया प्रधानाचार्य तीन दिनों में प्रस्तुत करें शैक्षिक अहर्ता प्रमाण पत्र: डीआईओएस* -जिला विद्यालय निरीक्षक के पत्र से मचा हड़कम्प, जबाब देना हुआ मुश्किल ◼️◼️◼️ धनघटा(सन्तकबीरनगर) वरिष्ठता को दरकिनार कर कनिष्ठ व्यक्ति को पदभार दिए जाने को लेकर उमरिया बाजार इंटर कालेज ,उमरिया बाजार में प्रधानाचार्य पद का मामला गहराता जा रहा है। जिला विद्यालय निरीक्षक गिरीश कुमार सिंह ने प्रधानाचार्य को नोटिस भेजकर तीन दिनों के अंदर प्रधानाध्यापक की अहर्ता से सम्बंधित समस्त शैक्षिक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने का फरमान जारी किया है, जिससे विद्यालय में हड़कंप मच गया है। बतातें चले कि विद्यालय में उमरिया बाजार इंटर कालेज में 31 मार्च 2020 को प्रधानाचार्य जय चन्द्र यादव के सेवानिवृत्त से रिक्त पद पर नियमानुसार विद्यालय के वरिष्ठ व अहर्ताधारी शिक्षक लाल चन्द्र यादव को तदर्थ प्रधानाचार्य का पदभार दिया जाना चाहिए था, किन्तु प्रबन्धक ने तथ्य गोपन व मनमानी करके कनिष्ठ शिक्षक राधेश्याम यादव को पदभार दे दिया, जिसको मान्यता देते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक ने हस्ताक्षर भी प्रमाणित कर दिया। मामले की शिकायत छपरा निवासी सतेंद्र कुमार यादव ने जिला विद्यालय निरीक्षक से किया था। शिकायती पत्र में साक्ष्य के साथ अवगत कराया गया है कि प्रधानाचार्य स्नातक प्रथम वर्ष व बॉम्बे आर्ट का प्रशिक्षण संस्थागत छात्र के रूप में एक ही शैक्षिक सत्र वर्ष 1983 में हासिल किया है, जो विभागीय नियमों के विपरीत है। वे इंटरमीडिएट एजुकेशन एक्ट के अनुसार प्रधानाचार्य पद की निर्धारित अहर्ता भी पूरी नही करते हैं, अर्थात बीएड प्रशिक्षित भी नही है। वे प्रबन्धक द्वारा जारी विद्यालय की जेष्ठता सूची, जिसे संयुक्त शिक्षा निदेशक ने भी प्रमाणिक माना है, के अनुसार भी वरिष्ठ नही है। शिक्षक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी व उमरिया इंटर कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य पारसनाथ यादव, जय चन्द्र यादव ने भी कहा है कि प्रधानाचार्य का पद वरिष्ठ व योग्य शिक्षक को दिया जाना चाहिए, जिला विद्यालय निरीक्षक का निर्णय स्वागत योग्य हैं। *किसी भी शिक्षक के साथ अन्याय नही होने देंगे: संजय द्विवेदी* ◾◾◾ सन्तकबीरनगर। प्रकरण के वावत पूछने पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के मण्डलीय मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा कि नियमानुसार वरिष्ठ व अहर्ताधारी शिक्षक को ही प्रधानाचार्य का पदभार दिया जाना चाहिए था, किन्तु ऐसा किया नही गया। हम जनपद में किसी भी शिक्षक के साथ अन्याय नही होने देंगे। प्रधानाचार्य का पदभार उसी को मिलेगा, जिसका हक होगा।
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सुन्दर छवि की परिचायक होती है शिकायते सन्त कबीर नगर - चूंकि शिकायत एक सुन्दर छवि वाली प्रक्रिया है जिसके कईं रूप हो सकते है बतौर उदाहरण अगर किसी झगड़े टंटे की शिकायत है तो इसकी मूल वजह को देखते हुए निस्तारित किया जाता है यहां न्याय की प्राथमिकता होती है वही अगर शिकायत विकास कार्यो मे अनियमितता को लेकर होती है तो यहां उस दायित्व की प्राथमिकता होती है जो जनहित मे होता है । लेकिन जैसे इसकी महत्ता को परिवर्तन की जरूरत आन पड़ी है लोकतांत्रिक रूप से मिले संवैधानिक अधिकार का दुरूपयोग करते हुए कुछ अनियमितता की शिकायत कर्ताओ द्वारा इसके मायने बदले जा रहे है । मसलन ग्राम पंचायतो मे हुए विकास कार्यो को लेकर सरकारी धन का बंदरबाट की हो रही शिकायतो पर जहां ऐसे इमानदार अधिकारी के जांच रिपोर्ट को शिकायत कर्ता गलत रिपोर्ट लगाने का इल्जाम लगा रहे है जिनकी कर्त्तव्य परायणता एक पहचान है जिससे एक तरफ लोग जहां जांच से डरते है तो वही दूसरी तरफ सबक लेते है । वही दूसरी तरफ शिकायत कर्ता स्थलीय जांच रिपोर्ट की आख्या को छुपा कर तथाकथित मीडिया से मिलकर सालो बाद कार्यवाई न होने का हवाला देते हुए हजार नही लाख नही करोड़ो सरकारी धन बंदरबाट की खबर चलवायी जा रही है । बतौर उदाहरण विकास खण्ड सांथा के मुड़िला कला मे विगत दिनो से तथाकथित पत्रकारो द्वारा अपनी नीयत से समझौता कर दायित्व का हनन किया जा रहा है । वही विकास खण्ड सेमरियावा के ग्राम पंचायत बन्नी के शिकायत कर्ता द्वारा ईमानदारी से की गयी जांच अधिकारी की क्रमशः डी पी आर ओ , विकास भवन जेई सुशील मिश्रा , ए डी ओ पंचायत शशि भूषण पाण्डेय सेमरियावा , अधिशासी अभियंता नलकूप खण्ड लालचन्द सहायक अभियंता ड्रेनेज खण्ड सतीश चन्द , बी डी ओ आर के चतुर्वेदी सेमरियावा , पी डी प्रमोद यादव व छठवी जांच डी डी ओ राजित राम मिश्रा के जांच पर असंतुष्ट का मोहर मारकर किसी सक्षम एजेन्सी अथवा एस आई टी जांच करवाने बाबत समाधान दिवस मे प्रार्थना पत्र देकर जिलाधिकारी से जांच कराने का गुहार लगाया है । ऐसे मे यह देखना जरूरी हो गया है कि शिकायत की मूल वजह अनियमितता है या कुछ और ? चूंकि विकास कार्य मे की गयी अनियमितता की शिकायत जनहित से जुड़ी हुई चीज है ऐसे मे अगर शिकायत कर्ता बतौर अवसर लाभ उठाना चाहता है तो यह किसी भी रूप मे बेहतर नही हो सकता । लिहाजा उठे सवाल का जबाब वक्त दे या न दे पर वर्तमान को जरूर देना चाहिए । जिसके लिए शिकायत कर्ताओ के बैकग्राउंड को देखना बेहद जरूरी है । बतौर निसबत मिली जानकारी के अनुसार विकास खण्ड सेमरियावा के ग्राम पंचायत बन्नी के शिकायत कर्ता अदील के बैकग्राउंड की बात की जाय तो अदील तीन बार पंचायती चुनाव हार चुका है और अब चौथी बार की तैयारी कर रहा है सूत्रो की माने तो इससे पहले हुए 2015 / 16 के पंचायती चुनाव मे चुनाव जीतने के निसबत मे अदील बीस से बाइस लाख रुपया खर्च किया था । पर चुनाव नही जीता , जीत के करीब होते हुए अठारह वोट से हार गया । वही ग्राम प्रधान जुनैद अहमद की माने तो फोर वीलर गाड़ी का डिमांड है । शिकायत कर्ताओ की हद तब हो गयी जब विकास खण्ड सांथा की ग्राम पंचायत मुड़िला कला मे एक वर्ष पूर्व की गयी अनियमितता की डी पी आर ओ आलोक कुमार प्रियदर्शी द्वारा निस्तारित शिकायत को शिकायत कर्ता निसार अहमद बिना कोई चुनौती दिये तथाकथित मीडिया कर्मी के साथ साठगांठ करके प्रधान के छवि को धूमिल करने का काम करने लगा । इनकी अगर बैकग्राउंड देखी जाय तो इनकी भी शिकायत जनहित को लेकर नही बल्कि प्रधान से जीहुजूरी इन्कम से रहा है सूत्रो के मुताबिक इनका दूसरा पहलू गांजा , चरस , अफीम स्मगलरिंग करने से रहा है जिसका पूरा रिकार्ड पूर्व थाना बखिरा मे है । ग्राम प्रधान मेवालाल विश्वकर्मा की माने तो निज लाभ को देखते हुए अपना सिक्का चलाने से रहा है जो बीते बीस सालो तक चला है । जिनमे ये खुद प्रधान होते हुए भतीजे को प्रधान बनाया । उसके बाद जब वक्त ने करवट बदल लिया तो जनहित की शिकायत को हथियार बना कर वर्तमान ब्लाक प्रमुख सांथा व अध्यापक वीरेन्द्र कन्नौजिया के दस साल के प्रधानी काल मे अपना सिक्का चलाया । ग्राम प्रधान का यह भी कहना है कि निसार अहमद और वीरेंद्र कन्नौजिया दोनो एक ही सिक्के के दो पहलू है । बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए जहां इनके द्वारा दो सत्र ग्राम पंचायत का प्रतिनिधित्व किया गया वही अब क्षेत्र पंचायत का प्रतिनिधित्व किया जा रहा है ।
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