जिला संवाददाता पुष्कर मणि त्रिपाठी की रिपोर्ट
देवरिया जेल से पेरोल पर रिहा किए गए कुशीनगर के 12 बन्दी
देवरिया। कोरोना वायरस को लेकर हर कोई भयभीत है। शासन ने सात साल से कम की सजा वाली धारा में बंद लोगों को जेल प्रशासन ने पेरोल पर छोड़ना शुरू कर दिया है। शासन का फरमान आने के बाद आठ सप्ताह के पैरोल पर कुशीनगर के 12 बंदियों को शनिवार की रात जिला कारागार से रिहा किया गया। जल्द ही कुछ अन्य बंदियों की भी रिहाई हो सकती है।
जिला कारागार में 1486 बंदी व कैदी हैं। इसमें देवरिया के अलावा कुशीनगर के भी बंदी शामिल हैं। कोरोना वायरस को लेकर कारागार में बंदियों की मुलाकात रोक दी गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने सात साल से कम की सजा वाले कैदियों व सात साल से कम के मुकदमे वाली धारा में बंद बंदियों को कमेटी का गठन कर छोड़ने की बात कही थी। जेल प्रशासन ने इसकी रिपोर्ट चार दिन पहले शासन को भेजी थी, जिसमें जेल में 19 सजायाफ्ता ऐसे कैदी हैं, जिनकी सजा सात साल की हुई है, जबकि 133 बंदी ऐसे हैं, जो सात साल से कम की धारा में बंद हैं। शनिवार की रात शासन से बंदियों को छोड़ने के लिए आदेश आ गया। रात को ही कुशीनगर के दो एडीजे व सीजेएम जेल पहुंचे और 12 बंदियों को पैरोल पर रिहा करने का आदेश दे दिया।
जेल अधीक्षक केपी त्रिपाठी ने कहा कि सूची शासन को भेजी गई थी, उसमें कुछ बदलाव शासन स्तर से किया गया है। बंदियों को छोड़ने का सिलसिला शुरू है। देवरिया जिले की भी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। इन्हें आठ सप्ताह का पैरोल दिया जा रहा है।
प्रशासन ने कराई बस की व्यवस्था
बंदियों व कैदियों को उनके घर तक छोड़ने के लिए जिला प्रशासन ने बस की व्यवस्था की है। शनिवार की रात देवरिया डीएम ने बस जिला कारागार भेजा और बंदियों को घर तक बस से पहुचाये गये।
जाा